Saturday, January 9, 2010

Fly without wings!!!!!!!!!!!!!!!!!!! originated by Vikash Kumar Sinha (Baanke)

बदल गए हालात की अब वो बात नहीं है;
कभी दूर थे कभी पास थे , साथ नहीं हैं;
अम्बर में बारिश सा मौसम , यहं जमीं पे प्यासा है मन;
अब बादल भी जल बरसाए , प्यासे को अहसास नहीं है;
बदल गए हालात की अब वो बात नहीं है;

तुम कहते हो धीरज धारो , पर ऐसे हालात नहीं हैं;
अब मस्तक तक जल की धारा , सांसों का विश्वाश नहीं है;
अब धरती भी जल ले जाये , डूबे को आवाज नहीं है;
बदल गए हालात की अब वो बात नहीं है;

अनतर में मन की ज्वाला है बाहर पर अंगार नहीं है;
दहन अग्नि - प्रज्ज्वलित सिखा पे एक शिकन का पाश नहीं है;
अब वायु की शीतलता में ठंडक का अहसास नहीं है;
बदल गए हालात की अब वो बात नहीं है;

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